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अब किसी महफ़िल में जाने की हमें फुर्सत नहीं

Ab Kisi mahfil mein jaane ki hamen fursat nahin

अब किसी महफ़िल में जाने की हमें फुर्सत नहीं
ओ राधे-राधे श्यामा श्यामा

एक ही सर था हमारा वह भी दर पर झुक गया
अब कहीं सर को झुकाने की हमें फुर्सत नहीं
राधे-राधे श्यामा श्यामा

दो ही नैना थे हमारे वह भी तुमसे लड़ गए अब कहीं नजरे मिलाने की हमें फुर्सत नहीं
राधे-राधे श्यामा श्यामा

एक ही दिल था हमारा वह भी तुम पर आ गया
अब कहीं दिल को लगाने की हमें फुर्सत नहीं
राधे-राधे श्याम श्यामा

खाली था दमन हमारा वह भी दर से भर गया
अब कहीं झोली फैलाने की हमें फुर्सत नहीं
राधे-राधे श्यामा श्यामा

पूछते है लोग हमसे यह गजब कैसे हुआ अब किसी को कुछ बताने की हमें फुर्सत नहीं
राधे-राधे श्यामा श्यामा

श्रेणी:

राधा रानी भजन

स्वर:

Meenu sethi ji

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