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आजा कान्हा खेडिये लुकन छपाईया

Aaja kanha khaliye

आजा कान्हा खेडिये लुकन छपाईया
वे आ कनईया खेडिये लुकन छपाईया

अज मेरिया सखिया आईया सबने है आसा लाईया
वे करके पुगन पुगाईया वे आजा कान्हा खेडिऐ लुकन छुपाईया
वे आ कनईया खेडिऐ लुकन छपाईया

सूरज वी वेख लै छीपन वाला हो गया
मौसम वी वेख लै सुहाना जया हो गया
आईया करके सब तैयारी लगे इक तो इक प्यारी
तेरी दीद दिया रिहाईया वे आजा कान्हा खेडिऐ लुकन छपाईया

तेरे मोरे छिपना वी किसे दी मजाल की
तू करने लभना ऐ तेरा हा कमाल जी
वे ते ऐसी कला वखाऊनी हर कोई खिची चली है आऊनी
ओ ऐसी कुडीया पाईया वे आजा कान्हा खेडिऐ लुकन छपाई या

मुरली बजाकै कोई छेडे ऐसा राग वे
सुरभई स्वर्ण हो जाऐ सारी कयामात वे
दिल बाग वी हूऐ दीवाना तेरा जीव भकत सुदामा
हुन सबते मस्ती या छाईया वे आजा कान्हा खेडिऐ लुकन छपाईया
वे आ कनईया खेडिऐ लुकन छपाईया

अज मेरिया सखिया आईया सबने है आसा लाईया वे करके पुगन पुगाईया वे आजा कान्हा खेडिऐ लुकन छपाईया
वे आ कनईया खेडिऐ लुकन छपाईया

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Anita sobti ji

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