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कन्हा धीरे से खीचो आँचल पाव जमुना मे मेरा फिसल जायेगा

Kanha dheere se khicho mera aanchal

कन्हा धीरे से खीचो ये आँचल मेरा
पाव जमुना में मेरा फिसल जाये ना
रोज की दिल्लगी कन्हा अच्छी नही
कोई देखेगा तो भेद खुल जायेगा

कन्हा मुरली की धुन में बुलते हो क्यूँ
जब बुलाते हो तो फिर स्ताते हो क्यूँ
बस मनाते मनाते मेरे साँवरे
मेरा जिवन ये सारा गुजर जायेगा

कान्हा तुम्हे मनाने को आयी हू मै
साथ माखन मिश्री भी लायी हू मैं
कान्हा जल्दी से खा लो ये माखन मेरा
वरना सारा का सारा पिघ्क़्ल जायेगा

मेरे सिर से ये हाथ हटाना नही
मेरा तेरे सिवा कोई ठिकाना नही
तेरा क्या जायेगा मेरे भोले पिया
मेरा बिगडा नसीबा सवर जायेगा
कान्हा धीरे से खीचो ये आँचल मेरा
पाव जमुना मे मेरा फिसल जायेगा

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Pooja taneja Ji

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