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कन्हैया तुम्हें एक नजर देखना है, जिधर भी छिपे हो उधर देखना है|

Kanhiya tumhe ek nazar dekhna hai

कन्हैया तुम्हें एक नजर देखना है,
जिधर भी छिपे हो उधर देखना है|

विदुर, भीलनी के जो घर तुमने देखे,
तो तुम को भी हमरा घर देखना है|
कन्हैया तुम्हें एक नजर देखना है|

उबारा था जिस कर से गीध और गज को,
हमें उन हाथों का असर देखना है|
कन्हैया तुम्हें एक नजर देखना है|

टपकते ये आंसू बिंदु जो तुमसे कह रहें हैं,
तेरी एक झलक को अब देखना है|
कन्हैया तुम्हें एक नजर देखना है|

कृपा दृष्टि हम पर भी डालो कन्हैया,
हमें तेरी रहमत का असर देखना है|
कन्हैया तुम्हें एक नजर देखना है|
जिधर भी छिपे हो उधर देखना है|

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Usha Bansal ji

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