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कुछ कर गुजरने को खून चला खून चला

Kuch kar gujarne ko khoon chala

कुछ कर गुजरने को
खून चला खून चला
आँखों के शीशे में
उतरने को खून चला
बदन से टपक कर
ज़मीन से लिपटकर
गलियों से रास्तों से
उभरकर उमड़कर
नए रंग भर ने को
खून चला खून चला

खुली सी छूट लेकर बड़ी सी
टीच लेकर आहिस्ता आहिस्ता
सवालों की ऊँगली
जवाबों की मुट्ठी
संग लेकर खून चला
कुछ कर गुजरने को
खून चला खून चला

कुछ कर गुजरने को
खून चला खून चला
आँखों के शीशे में
उतरने को खून चला
बदन से टपक कर
ज़मीन से लिपटकर
गलियों से रास्तों से
उभरकर उमड़कर
नए रंग भर ने को
खून चला खून चला

खून चला खून चला
खून चला खून चला
खून चला खून चला
खून चला खून चला.

श्रेणी:

देश भक्ति गीत

स्वर:

Raghav Bansal

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