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कैलाश पर्वत पर चढ़ गयो रे

Kailash parvat per chadh gayo re

कैलाश पर्वत पर चढ़े गयो रे आज भोला फूलों से सज गयो रे

भोले के गले में सर्पों की माला
गले में सर्प लिपट गयो रे
आज भोला फूलों से सज गयो रे

भोले के हाथों में डमरू विराजे
हाथों में डमरू बाज रहा रे
आज भोला फूलों से सज गयो रे

भोले के शीश में चंदा विराजे
चंदा से अमृत बरस रहा रे
आज भोला फूलों से सज गयो रे

भोले के हाथों में त्रिशूल विराजे
त्रिशूल से भक्तों के कष्ट हर रे
आज भोला फूलों से सज गयो रे

भोले के संग में गोरा विराजे
भक्तों की झोली मां भर रही रे
आज भोला फूलों से सज गयो रे
#bhajan potli

श्रेणी:

शिव जी भजन

स्वर:

Sangeeta Kapur

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