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कैसी रचना रची गया तू जिधर देखूं वहां तू ही तू
Kaisi rachna rach gaya tu jahn dekhu wahn tu hi tu
कैसी रचना रच गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
हांँ कैसा खेल रच गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
कैसी रचना-----
माली बनकर बाग लगाया-----२
तोता बन कर सब फल खाया-----२
ओ सारी मेवा खा गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
कैसी रचना-----
बाबू बनकर रेल चलाई-----२
टीटी बनकर टिकट कटाई-----२
ओ रेल का इंजन बन गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
कैसी रचना-----
बालक पन में माटी खाई-----२
माँ अपनी से छवी छुपाई-----२
ओ तीनों लोक दिखा गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
कैसी रचना-----
यमुना तट पर गऊवे चरावे-----२
निधिवन में तु रास रचावे-----२
गोवर्धन पर्वत उठा गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
कैसी रचना रच गया तु जहाँ देखु वहाँ तु ही तु-----२
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Usha Bansal ji
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