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कोई जाये जो वृन्दावन मेरा पैगाम ले जाना

Koi jaye jo vrindavan mera pagam le jana

कोई जाये जो वृन्दावन मेरा पैगाम ले जाना
मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ मेरा प्रणाम ले जाना
कोई जाये जो वृन्दावन........

ये कहना मुरली वाले से मुझे तुम कब बुलाओगे
पडे जो जाल माया के इन्हें तुम कब छुडाओगे
मुझे इस घोर दलदल से मेरे भगवान ले जाना
कोई जाये जो वृन्दावन.........

जब उनके सामने जाओ उनहें बस देखते रहना
जो पूछे हाल मेरा तो जुबा से कुछ नहीं कहना
बहा देना कुछ इक आसूं मेरी पहचान ले जाना
कोई जाये जो वृन्दावन........

वो रातें जाग कर देखे मेरे सब ख़्वाब ले जाना
मेरे आसूं तडप मेरी मेरे सब भाव ले जाना
ना ले जाओ अगर मुझको मेरे अरमान ले जाना
कोई जाये जो वृन्दावन..........

मैं भटकू दर-बदर प्यारे जो तेरे मन में आये अगर
मेरी जो साँस अन्तिम हो वो निकले तेरी चौखट पे
हरिदासी हूँ मैं तेरी मेरा सामान ले जाना
कोई जाये जो वृन्दावन.........

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Sangeeta Kapur ji

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