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घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है।
सोने की होती जो, ना जाने क्या करती,
जब बांस की होकर यह दुनिया को नचाती है।
तुम गोरे होते जो, ना जाने क्या करते,
जब काले रंग पे यह दुनिया मर जाती है।
कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की मन में आ जाती है।
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
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