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चाहे फाँसी लगे या लगे हथकड़ी
Chahe Fansi Lage Ya Lage Hathkadi
चाहे फाँसी लगे या लगे हथकड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
चाहे फाँसी लगे या लगे हथकड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
सखी गोकुल नगरिया को जौंगी मे,
प्रेम घर उनके दर पे बनौँगी मे,
वाहा कीर्तन,वाहा कीर्तन,
करूँगी खड़ी की खड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
तेरी बांकी आडया ने किया बावारे,
तेरे नैनो मे घर है मेरा सावरे,
तेरे नैनो से, तेरे नैनो से,
नैना मिले हर घड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
मेरी विनती बिहारी जी सुन्न लीजिए,
अपनी चरनो की दासी बना दीजिए,
छ्चोड़ के सारे, छ्चोड़ के सारे,
बन्धन शरण मेी पड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
चाहे फाँसी लगे या लगे हथकड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
चाहे फाँसी लगे या लगे हथकड़ी,
मेरे बांके बिहारी से अंखिया लदी,
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Dewakar Sharma Brijvasi ji
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