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तुमसे मिलने को ए मुरली वाले मेरे अरमा मचलने लगे हैं
Tumse milne ko ae murli wale mere arman machalne lage hai
तुमसे मिलने को ऐ मुरली वाले, दिल के अरमान मचलने लगे हैं
जैसे जल के बिना तड़पे मछली, हम भी वैसे तड़पने लगे हैं
बात कुछ तो है तुझमे बिहारी, दिल ही बस में नहीं है हमारे
होश हमको नहीं है कन्हैया, खोये खोये से रहने लगे हैं
तुमको देखा नहीं हमने अब तक, रिश्ता लगता है सदीओ पुराना
हाल ऐसा हुआ है कन्हैया, लोग पागल सा कहने लगे हैं
प्रेम तुमसे अगर जो किया है, तो बताओ गलत क्या किया है
ताने सारे जगत के कन्हैया हम तो हस हस सहने लगे हैं
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
राज बिरला जी
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