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दस वे कन्हैया चोरी किथे किथे किती आ,

Das ve kanhiya chori kithe kithe kiti aa

दस वे कन्हैया चोरी किथे किथे किती आ, किस दे घर दा मक्खन खादा किस दे लस्सी पीती आ॥

इक सखी कहंदी मेरी उंगल मरोड़ी, दूजी सखी कहंदी इन्हे चूड़ी मेरी चूड़ी तोड़ी, तिज्जी सखी कहंदी मेरी चुन्नी फाड़ दित्ती आ, दस वे कन्हैया चोरी ...

इक सखी कहंदी मेरे अंदर सी बड़या, दुजी सखी कहंदी ओ शिक्के उत्ते चढ़या, तीजी सखी कहंदी ओहने मटकी फोड़ दित्ती आ, दस वे कन्हैया चोरी ....

इक सखी कहंदी मेरे घर शाम आया सी,
5-7 गोवालिया नू नाल लियाया सी, तिज्जी सखी कहंदी ओने हद कर दित्ती आ दस वे कहनिया चोरी..

इक सखी कहंदी मैनु नच के दिखा दे, दूजी सखी कहंदी मैनु बंसरी सुना दे, इन सखियां
Bhajan potli
ने मेरी मत मार दित्ती आ, दस वे कहनिया चोरी........

सुन मेरी मैया चोरी मैं नहीओ किती आ, ना मैं किसे दा मक्खन खादा, ना मैं लस्सी पीती आ, सुन मेरी मैया चोरी मैं नहीओ किती आ......

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Santosh Ahujaji

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