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दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता हे
Dil ki har dhadkan se
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता हे
कान्हा तेरे दर्शन को तेरा दास तरसता हे
जन्मो पे जनम लेकर,में हार गया मोहन
दर्शन बिन व्यर्थ हुआ हर बार मेरा जीवन
अब धीर नहीं मुझमे,कितना तू परखता हे
कान्हा तेरे दर्शन को तेरा.........
शतरंज बना जग को क्या खेल सजाया हे
मोहरो की तरह हमको,क्या खूब नचाया हे
ये खेल तेरे न्यारे,तू ही तो समझता हे
कान्हा तेरे दर्शन को तेरा..........
कर दो न दया मोहन,दातार कहाते हो
नयनो का नीर बहे,क्यू देर लगाते हो
नंदू दिल का दिल में,अरमान मचलता हे
कान्हा तेरे दर्शन को तेरा.....
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Sarika Bansal (Dimple)
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