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धनेया तू कीवे मना मना लैया ठाकुर मस्त मलंग

Dhaneya tu kive mama laiya thakur mast malang

धनेया तू कीवे मना लैया ठाकुर मस्त मलंग
तेरे घर विच फेरा पा गया ठाकुर मस्त मलंग
कर रौनका लगा गया ठाकुर मस्त मलंग
धनेया तू कीवे मना लैया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर कहना ना मनदा
धनेया तू कीवे मना लैया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर तिलक ना लावे
टीका तेरे कौलू ला गया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर पानी न पीदा
तेरे खेती पानी ला गया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर रोटी ना खावे
रोटी ना खावे भोग ना लावे
तेरा साग टोडा खा गया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर कैहना ना मनदा
तेरे वश विच आ गया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर कर नईयो आनदा हो जिन्ना बुलावा कर नईयो आनदा
तेरे पत्थरा चे आ गया ठाकुर मस्त मलंग

साडा ता ठाकुर गल नहीं सुनदा
तेरे पाग जाग गया ठाकुर मस्त मलंग

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Anita sobti

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