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मटकी का हुआ धमाका मेरे घर विच पै गया डाका

Matki ka hua dhamaka mere ghar vich pe gaya daka

मटकी  का  हुआ  धमाका  मेरे  घर  विच  पै  गया  डाका
अज  होया  नया  तमाशा  तो  समझो,,,कन्हैया  आया है
जय। हो कन्हैया  आया है
वाह  वाह  कन्हैया आया है

मै मखन  बना  के  रखया  ओ जरा वी नई  सी चखया
कोई  शोर  गली  विच  मचया  तो  समझो ,,,कन्हैया आया है

रल मिल  सखियाँ  कुंज  गली  विच  जानदीया  ने  जानदीया  ने
पर पर  मटकी  माखन  दी  लै  जानदीया ने जानदीया ने
कोई  मखन  चुरईया  आवे  ओ लुट  लुट  माखन  खावे
ओ खावे  और  लुटावे  तो  समझो,, कन्हैया आया है

रल मिल सखियाँ  यमुना  तट  ते  जानदीया ने जानदीया ने
ओ चीर  उतार  के  जमुना  दे  विच  नहानदीया ने नहानदीया ने
कोई  चीर  चुरैया  आवे  ओ चीर  चुरा  लै जावे
ओ दूर  खडा  मुस्कावे  तो  समझो  कन्हैया आया है

मात  यशोदा  दी  अखिया  दा  तारा है  तारा  है
नन्द बाबे दा प्यारा  राजदुलारा ऐ  दुलारे ऐ
ऐ जद  वी  बंसी  बजाये  मेरे शिवा  दी नीद  खुल  जावे
ओ जोर से  डमरू बजावे तो समझो कन्हैया आया है

मटकी का हुआ धमाका मेरे घर विच पै गया डाका
अज होया नया तमाशा तो समझो कन्हैया आया है

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

अनीता सोबती जी

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