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मन एक बार आजा गिरिराज की शरण में
तू एक बार आजा गिरिराज की शरण में,
गिरिराज की शरण में श्रीनाथ की शरण में,
तू एक बार आजा गिरिराज की शरण में,
सर्वस्व कर दे अर्पण गिरिराज की शरण में,
जीवन की डोर सौंप दे तू इनके ही हाथ में,
फिर अब है ना कोई होगा गिरिराज की शरण में,
तू एक बार आजा गिरिराज की शरण में!!
श्रद्धा से सर झुका के गिरिराज की शरण में,
विश्वास अटल रखना गिरिराज जी की शरण में,
निर्मल हृदय रहेगा गिरिराज की शरण में,
तू एक बार आजा गिरिराज की शरण में!!
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
बृजवासी दिवाकर शर्मा जी
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