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मुझे रास आ गया है तेरे दर पर सर झुकाना

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना,
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना

मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले,
तेरी याद ने बनादी, मेरी ज़िन्दगी फ़साना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना....

मुझे इस का ग़म नहीं है , के बदल गया ज़माना
मेरी ज़िन्दगी के मालिक, कहीं तुम बदल ना जाना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना....

यह सर वो सर नहीं है जिसे रख दूँ फिर उठा लूं ।
जब चढ़ गया चरण में आता नहीं उठाना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना....

दुनियां की खा के ठोकर मैं आया तेरे द्वारे ।
मेरे मुरली वाले मोहन, अब और ना सताना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना....

तेरी सांवली सी सूरत, मेरे मन में बस गयी है
ए संवारे सलोने, अब और ना सताना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना....

मेरी आरज़ू यही है , दम निकले तेरे दर पे,
अभी सांस चल रही है , अभी तुम चले ना जाना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना....

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना,
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

पूनम देवाकर शर्मा जी

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