top of page

मेनू ब्रिज दे सपने आंदे

मैनू बृज दे सपने आनंदे ने,इज़ लगदा ए श्याम बुलांदे ने
मैनू उठदे बैणदे सोंदे जगदे ,नशा रवे दिलदार दा
मै वृन्दावन नू जाना ऐ मेरा ठाकुर वाजा मारदां

बाँके बिन मैनू कुज ना अावे,दिन रात ओदी याद सतावे
याद ओदी विच कमली होई,जग पया ताने मारदां
लोको मेरी गल ना टोको,वृन्दावन जाना ना रोको
संता भगतां नाल नजारा ,लुटन दैयो दिलदार दा
मै वृंदावन नू जाना.........

यमुना जल स्नान करागी,हरि लीला रस पान करागी
मंदिर-मदिर जाप करागी,दरश युगल सरकार दा,
मै वृन्दावन नू जाना.......

वृन्दावन जग तो न्यारा है, प्रेम प्रगति का दवारा है
कहे मधुप ये ठाकुर दवारा, है सारे संसार दा
मैं वृन्दावन नू जाना.........

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

bottom of page