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मेरा दिल चुरा के ले गया इक गवाला गोकुल शहर दा

Mera dil chura ke le gaya ek gawala gokul shahar da

मेरा  दिल चुरा के ले गया इक गवाला गोकुल शहर दा
कुंज  नजरा  दे  नल  कै  गया  इक गवाला गोकुल शहर दा

मै पनघट  ते  सी  चलली
मैनू  वेख के  कलमकारी
मेरा  रस्ता  रोक  के  बै गया  इक गवाला गोकुल शहर दा

उस छेडी  तान  अवली
नी  मै  हो  गई  चलमचलली
मेरा  कुङ  मुखडे तू लै गया  इक गवाला गोकुल शहर दा

मेरे  कुङ  पवाडा पाया
नी मै  लभया  शाम  गंवाया
हर  दिल  ते मधुप दा रै  गया इक गवाला गोकुल शहर दा

मेरा  दिल चुरा के ले गया इक गवाला गोकुल शहर दा

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Anita Sobti ji

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