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मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना भूल जाने के काबिल नहीं है

Mere mohan tera muskurana bhool jane ke kabil nahi hai

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

चोट खायी है जो मैंने दिल में
वो दिखने के काबिल नहीं है

जबसे देखा है जलवा तुम्हारा
कोई आँखों को जचता नहीं है
यूं तो देखे है बहुत नूर वाले
सारे आलम में तुमसा नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

तेरी सूरत पे क़ुर्बान जाऊ
तेरी आँखे है या मैं के प्याले
जिनको नज़रो से तुमने पिलाई
होश आने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

मैंने पूछा की अब कब मिलोगे
पहले मुस्काये फिर हंस के बोले
सबके दिल में समाये हुए है
आने जाने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

चोट खायी है जो मैंने दिल में
वो दिखने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Sunita Khosla ji

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