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मेरे श्याम अपने दर पे आँखो से मै पिलाये
Mere shyam apne darr pe aankho se mah pilaye
मेरे श्याम अपने दर पे आँखो से मै पिलाये मोहन
जिसे पिलाये उसे होश कैसे आयेफिर होश कैसे
आये मेरा श्याम.........
मीरा ने पाई मस्ती अपनी मिटा दी हस्ती,दीवानी
बन गई हूँ और बावरी कहाये मोहन जिसे........
ऐसी पिलाई मुझको सुध बुध भुला दी खुद की,
फिर आँख नमा करके मोहन गले लगाये मोहन......
हम भी आये है दर पे खोलो शराब खाना,थोडी
पिला दे साखी फिर होश में ना आये मोहन जिसे.....
मेरा श्याम अपने दर पे..........
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Sangeeta Kapur ji
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