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मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे वीर

मैं तो गोवेर्धन को जाऊ मेरी वीर,
नाही माने मेरो मनवा,

सात सेर की करी कड़िया
मैं पेड़े पट पर खाऊ मेरो वीर
नाही माने......

सात कोस की दे परिक्रमा,
मैं तो मानसी गंगा नहाऊ मेरी वीर,
नाही माने........

चकलेश्वर में संत बहुत है,
संतन नोत जमाऊं मेरो वीर
नाही माने.....

सिंगी सेली पहन गले में
मैं तो घर घर अलख जगाउ मेरो वीर
नाही माने.......

वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में
मैं तो गोविन्द गुण गाऊ मेरो वीर
नाही माने......

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

बृजवासी दिवाकर शर्मा जी

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