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यह तो प्रेम की बात है उधो

ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है.
यहाँ सर देके होते है सौदे,
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|

प्रेम वालों ने कब वक़्त पूछा,
उनकी पूजा में सुन ले आए उधो.
यहाँ दम दम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फ़ुर्सत नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|

जो असल में है मस्ती में डूबे,
उन्हे क्या परवाह ज़िंदगी की.
जो उतरती है, चढ़ती है मस्ती,
वो हक़ीक़त में मस्ती नही है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|

जिसकी नज़रों में है श्याम प्यारे,
वो तो रहते है जग से न्यारे.
जिसकी नज़रों में मोहन समाए,
वो नज़र फिर तरसती नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नही है|

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

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