top of page
वे श्यामा तेरे दरस दी मारी मैं जोगन हो गई हा
वे श्यामा तेरे दरश दी मारी मैं जोगन हो गई हा
ओये कान्हा छड के दुनिया सारी मैं तेरी हो गई हा
वे श्यामा तेरे दरश दी.........
हथ खडताला पैरी झाझर, मैं हो गई फकरा दे वागन
वे श्यामा छड के चार दीवारी, मैं बाहर खलो गई हा
वे श्यामा तेरे दरश दी..........
तेरे प्यार विच सुध-बुध खोई,शरमा वाली ला के लोई
ओये श्यामा लगया रोग अवलडा,मैं रोगन हो गई हा
वे श्यामा तेरे दरश दी.........
तेरे दर ते अलख जगाई,तू ना खैर दरश दी पाई
ओये कान्हा लोकी मैनू कहन,मैं पागल हो गई हाव
वे श्यामा तेरे दरश दी.........
कुंज गली विच तैनू वेखा, दरश ना लिखया तू मेरे लेखा
ओये कान्हा तेरा दीदार ना होया,ये अखियॉ रो रईया
वे श्यामा तेरे दरश दी..........
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
bottom of page