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शाम  सवेरे  हर पल  राधे राधे  गाऊनेऑ

Sham  savere  her  pal  Radhy Radhy  gauneaun

शाम  सवेरे  हर पल  राधे राधे  गाऊनेऑ
जिदा  शाम  नचाऊदा  ओदा  नची जाने ऑ

ओदी  धुन  विच  ऑपा  ऐसे  खोय ऑ
होश  पुला के अपनी  कमले  होये ऑ
भूल  के  अपनी  हस्ती  ओदी  मस्ती  पाने ऑ
जिदा शाम नचाऊदा ओदा नची जाने ऑ


उसदे नाम  दी  चढी  खुमारी ऐ,,,
उसदे  लेखे लाई  जिन्दगी  सारी ऐ
नाल  शाम  दे  आपा  सच्ची  तार  मिलाने ऑ
जिदा शाम नचाऊदा ओदा नची जाने ऑ 

उसदी  प्रीत चे आपा  पक्के  रोगी ऑ
उसदे  दर  ते  नचते बन के  जोगी ऑ
सारे  जग  नू  पुल के उसदे  बने  दिवाने ऑ
जिदा शाम नचाऊदा ओदा नची जाने ऑ

उसदे  मुख तू  सुन्दर  कोई  नजारा  नई
उसदे प्रेम दे  नालू कोई  प्यारा  नई
दरशन  करके  उसदे  अपने पाग  जगाने ऑ
जिदा शाम नचाऊदा ओदा नची जाने

शाम सवेरे हर पल राधे राधे गाऊनेऑ
जिदा शाम नचाऊदा ओदा नची जाने ऑ

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Anita Sobti ji

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