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सखी री मैं तो काले रंग पे वारी
Sakhi ri Main to Kale rang pay vari
सखी री मैं तो काले रंग पे वारी
जब देखी मैंने प्यारी सूरत, इक टक रह गई जैसे मूरत,
मैं तो बिल्कुल भई रे बावरी, जब से इन्हें निहारी,
सखी री मैं तो काले रंग पे वारी
कान्हा के नैना कजरारे, सब पर जादू सा डाले,
जो देखे अपना सब हारे, ऐसी छवि है न्यारी,
सखी री मैं तो कारे रंग पे वारी
देखूं मेरी सुध बिसरावे, बिन देखे मोहे चैन ना आवे,
मन मेरा चोरी कर जावे, इनकी मुस्कान प्यारी,
सखी री मैं तो कारे रंग पे वारी
#bhajan potli
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Sangeeta Kapur
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