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सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए है
Saja do ghar ko gulshan sa mere sarkar aaye hai
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं
मेरे सरकार आए हैं मेरे सरकार आए
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
लगे कुटिया भी दुल्हन की मेरे सरकार आए हैं
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं
पखारु इनके चरणों को वह आकर प्रेम की गंगा
बहाकर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलकों को मेरे सरकार आए हैं
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं
उमर आई मेरी आंखें देख कर अपने बाबा को देखकर अपने बाबा को
हुई रोशन मेरी गलियां मेरे सरकार आए सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए
तुम आकर फिर नहीं जाना मेरी इस तूने दुनिया से
मेरी इस मुनि दुनिया से
कहूं हरदम यही सबसे मेरे सरकार आए हैं
लगे कुटिया भी दुल्हन सी मेरे सरकार आए सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
संगीता वर्मा जी
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