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हसाके क्यों रुलाया रे रुलाया वो कन्हियाँ, ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे
Hasa ke kyu rulaya re rulaya re kanhiya Thakur mere Thakur mere
हसाके क्यों रुलाया रे रुलाया वो कन्हियाँ,
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे
रोके रुके न आंख के आंसू,
उमड़ उमड़ ये बरसे रे,
तुम बिन कौन सुनेगा मेरी जाऊ कहा तेरे दर से रे,
रूठ गई क्या मुझसे बहार बता दे रे कहनियाँ,
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे
फूल खिला कर खुशियों के ये अब क्या हुआ मुख मोड़ लिया,
हाथ पकड़ कर चलने वाले काहे अकेला छोड़ दिया,
आशा जगा के शरण लगा के सताया क्यों कन्हियाँ,
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे
चाँद बिना क्या चांदनी बेहरी दीप बिना क्या बाती रे,
ये धरती पालनहारे बिन कैसे रहे मुस्काती रे,
भूल भुला दे दिल से हसादे ओ कन्हियाँ ,
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Sarika Bansal (Dimple)
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