हाल क्या है दिलों का ना पूछो मोहन आपका मुस्कुराना गजब हो गया
Haal kya hai dilo ka na puchu mohan aapka muskurana gajab ho gaya
हाल क्या है दिलों का ना पूछो मोहन आपका मुस्कुराना गजब हो गया
एक तो चाल चटक सिर पर मोर मुकुट उस पर मुरली बजाना गजब हो गया हाल क्या है दिलों का न पूछो मोहन
जब तुम चलते हो मस्ती भरी चाल में बांध लूं मैं भी घुंघरू तेरे प्यार में
मैं नशे मन नहीं था मगर क्या करूं
जो तूने मुरली बजाई नशा छा गया
हाल क्या है दिलों का न पूछो मोहन आपका मुस्कुराना गजब हो गया
तेरी मतवाली आंखों का जादू चला सांवरे सर पर मोर मुकुट है सजा जिसको देखो वही है दीवाना तेरा
नाम का तेरे मैं भी मस्ताना हुआ
हाल क्या है दिलों का न पूछो मोहन आपका मुस्कुराना गजब हो गया
ऐसी कर दे ओ मोहन तू मेहरे नजर
हर दुआ में जो आने लगे अब असर
मैं तो आया हूं सदियों से मांगता
तेरा यूं ही लुटाना गजब हो गया
हाल क्या है दिलों का न पूछो मोहन आपका मुस्कुराना गजब हो गया
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
मीनू सेठी जी