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हे दुख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार
हे दुख भंजन मारुति नंदन
सुन लो मेरी पुकार
पवनसुत विनती बारंबार
हे दुख भंजन
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
दुखियों के तुम भाग्य विधाता
सिया राम के काज सवारे मेरा कर उद्धार
पवनसुत विनती बारंबार
अपरंपार है शक्ति तुम्हारी
तुम पर रीझे अवध बिहारी
भक्ति भाव से ध्याऊ तोहै
कर दुखों से पार
पवनसुत विनती बारंबार
जपु निरंतर नाम तिहारा
अब नहीं छोडूंगा तेरा द्वारा
राम भक्त मोहे शरण में लीजो
भवसागर से तार
पवनसुत विनती बारंबार
श्रेणी:
हनुमान भजन
स्वर:
