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एक बार वृंदावन आकर तो देखो

ek baar vrindravan aaker to dekho

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो
दुनिया से मन को हटा के देखो
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी
इक बार वृन्दावन आ करके तो देखो

बांके बिहारी भक्तों के दिलदार
सदा लुटाते हैं कृपा के भण्डार

मीरा ने जैसे गिरिधर की पाया
प्याला ज़हर का अमृत बनाया
मीरा सी हस्ती मिटा कर तो देखो
इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

   कोई तन दुखी कोई मन दुखी
   कोई धन बिन रहे उदास
   थोड़े थोड़े सब दुखी,
   सुखी राम के दास

तेरी पल में झोली वो भर देगा
दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा
चौखट पे दामन फैला कर तो देखो
बस, इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो

‘चित्र विचित्र’ का तो बस यही कहना
प्रभु चरणो से कही दूर नहीं रहना
जिंदगी यह बंदगी में मिटा कर तो देखो
इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

बृजवासी दिवाकर शर्मा जी

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