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ऐसो रास रचो वृंदावन है रही पायल की झंकार
एसो रास रचयो वृन्दावन में
पायल की झंकार वह रही पायल की झंकार,
एसो रास रचयो वृन्दावन में,
वह रही पायल की झंकार,
एसो रास...
घुंघरू खूब छमछ्म बाजे,
बजते बिछुवा बहुतै बाजे,
रवा कौंधनी केहु बाजे,
अंग अंग में गहना बाजे,
चुरियन की झंकार,
एसो रास...
बाजे भाँति भाँति के बाजे,
झांझ पखावज दुन्दुभि बाजे,
सारंगी और महुवर बाजे,
बंसी बाजे मधुर मधुर बाजे वीणा के तार,
एसो रास...
राधा मौहन दे गलबैयाँ,
नाचे संग संग ले फिर कईयाँ,
चाल चले शीतल सुखदैयाँ,
जामा पटका ल़हेंगा फरिया करे सनन सनकार,
एसो रास..
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
बृजवासी दिवाकर शर्मा जी
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