के लीला तेरी तू ही जाने
Ki leela teri tu hi jane
ज्योति कुण्ड गगन से चला धरा और
छाया था जहाँ पाप का
अंधकार घनघोर
ऋषि मुनि जप तप कर जी ने
थके पुकार पुकार
डस्ट दमन को ले गए वही
विष्णु अवतार
बाँधी गैरह में जनम लिया और
पल भर वह न ठहरा
सुनो पल भर वह न तेरा
टूट गए सब ठाले सो गए
देते थे जो पेहरा
सो गए देदेते थे जो पेहरा
आया एम्बर से सन्देश
मनो वासुदेव आदेश
आया एम्बर से सन्देश
मनो वासुदेव आदेश
बालक ले कर जाओ नन्द जी के दवारे
के लीला तेरी तू ही जाने
तेरी माया का न पाया कोई पर
के लीला तेरी तू ही जाने
बरखा पावैं चंचला
कांश सामान दरवे
कांश सामान दरवे
ऐसे में सिसु को लेकर
कोई भर कैसे जावे
कोई भर कैसे जावे
प्रभु का सेवक शेषनाग
देखो जगे उसके भाग
प्रभु का सेवक शेषनाग
देखो जगे उसके भाग
के उसने फैन पे रोका
बरखा का भर
के लीला तेरी तू ही जाने
तेरी माया का न पाया कोई पर
के लीला तेरी तू ही जाने
वासुदेव जी हिम्मत हारे
देख छड़ी…
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
बृजवासी दिवाकर शर्मा जी