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Bhajan Potli
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गणगौर गीत
Gangaur Geet
आओ आओ, ईसर जी बेगा आओ, चंदा संग सूरज लाओ, है गौरा मां तैयार जी थाने पूजन वाल्यां करें मनुहार जी
आई रे आई गौरल आई चैत महीना लागा हुई दीवानी सखियां साड़ी
गवरल फुल गुलाब ईशर को रंग केसरिया
ईसर जी ढोला जयपुर जाइजो जी
मीठे रस से भरयोडी गवरल रानी लागे
किसने सजा दिया तुझे इतना सिंगार करके
मच गयो गली गली में शोर सखियां पूज रही गणगौर
या गणगौर बड़ी नखराली रे
गौर ए गणगौर माता खोल ए किवाड़ी।
मेंहदी रची थारे हाथा मे, उड रहयो काजल आंख्या मे।
करूं गोरा की पूजा रज रज के
आज तो गौरा देखो बनी रे दुल्हनिया
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